tag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post7436552661790284603..comments2023-10-02T15:00:22.148+05:30Comments on आलाप: महंगाई का अर्थशास्त्रAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/02514200566679057059noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-20736630492313242252008-01-19T16:06:00.000+05:302008-01-19T16:06:00.000+05:30मास्टर जी ट्यूशन नहीं करते हैं क्या? जरूर हिन्दी-व...मास्टर जी ट्यूशन नहीं करते हैं क्या? जरूर हिन्दी-विंदी के मास्टर होंगे, वर्ना आजकल साइंस-मैथ वाले तो दाल-सब्जी कौन कहे चांदी काट रहे हैं चांदी.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-89425261177184603382008-01-19T13:20:00.000+05:302008-01-19T13:20:00.000+05:30सटीक।सही कह रहे हैं प्रभो, आज के जमाने में आलू-प्य...सटीक।<BR/>सही कह रहे हैं प्रभो, आज के जमाने में आलू-प्याज तो व्यसन में ही काऊंट होंगे।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-3983234638732017892008-01-19T05:24:00.000+05:302008-01-19T05:24:00.000+05:30राजेंद्र जी, कुछ खास ही बात है आप की इस बात में कि...राजेंद्र जी, कुछ खास ही बात है आप की इस बात में कि मुझे अपने प्राइमरी टीचर स्वर्गीय हरीश चंद्र जी जो हमें डीएवी स्कूल, अमृतसर में पढ़ाते थे,उन की और अपनी गूरूमां की याद आ गई और आंखें नम हो गईं। मुझे मेरे गुरू की याद ताज़ा करवाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया....अपनी इन भावनाओं को शब्दों में डाल कर और मेरी आँखें गीली कर के आप अपने काम में सफल रहे। मेरे ब्लागर बंधुओ, आप को भी अपने चहेते प्राइमरी टीचर की याद आ गई न , जिस की हम पर कृपादृष्टि हुई तो ही हम आज की-बोर्ड पर अपने हाथ थिरका रहे हैं।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।सिम्पली ग्रेट, त्यागीजी, सब से बढ़िया बात है आप की बात कही बात की सिम्पलिसिटी ...सब की समझ में आ गई...मेरे जैसे की भी जो वैसे कविता समझने में थोड़ी कठिनाई ही महसूस करता है।Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.com