tag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post8599096408079135680..comments2023-10-02T15:00:22.148+05:30Comments on आलाप: विजयदशमी पर भी राम उदास !Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/02514200566679057059noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-42092770381732023542007-10-22T21:02:00.000+05:302007-10-22T21:02:00.000+05:30जब दास नहीं होगा पास तो राम तो होगा ही उदास। वैसे ...जब दास नहीं होगा पास तो राम तो होगा ही उदास। वैसे राम तो इसलिए भी उदास हैं क्योंकि हर साल जलाते हैं फिर भी अगले साल जिंदा पाते हैं। यह सारी करतूत इंसान की है जो रावण को पुतले के रूप में सजीव कर देता है। फिर उसके संवाद आते हैं। तो राम के भी आएंगे ही। मानस के बाकी पात्र भी एक एक करके कुछ न कुछ कहते जाएंगे। यही तो व्यंग्य की कल्पनाकारिता का कमाल है। आपकी कल्पना के लिए आपको बधाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-18781095924360289722007-10-22T13:56:00.000+05:302007-10-22T13:56:00.000+05:30bahut sunder, kya karara waar kiya hai. bahut acha...bahut sunder, kya karara waar kiya hai. bahut achaa aalekh hai. badhaaiयोगेश समदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/05774430361051230942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-88826945101137661492007-10-22T13:07:00.000+05:302007-10-22T13:07:00.000+05:30अतिसुन्दर. राम की पीड़ाये जायज़ है.आप का और आलोकजी...अतिसुन्दर. राम की पीड़ाये जायज़ है.आप का और आलोकजी का लिखा पढने के बाद तो रावण से सुहानाभुति होने लगी है.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-51648100322156009282007-10-22T08:05:00.000+05:302007-10-22T08:05:00.000+05:30हमारे अपने राम के देश में आज राम कितने निरीह लग रह...हमारे अपने राम के देश में आज राम कितने निरीह लग रहे हैं. शायद हमारी यही नियति बन चुकी है या हम इससे पार पाना नहीं चाह रहे? उस समय रावण ने अपने अन्तिम समय में लक्ष्मण को शिक्षा दी थी पर आज रावण ख़ुद उठकर राम को समझा रहा है. <BR/>इस सशक्त प्रस्तुति के लिए धन्यवाद.डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1086372297383435532.post-61364509961820718972007-10-22T05:42:00.000+05:302007-10-22T05:42:00.000+05:30बहुत सुन्दर...बहुत करारा..बहुत चौचक. :)बहुत सुन्दर...बहुत करारा..बहुत चौचक. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com