Wednesday, October 3, 2007

प्याज और जमीर



प्याज और जमीर


राजेंद्र त्यागी
दहेज में हमने गाड़ी के साथ पेट्रोलपंप मांगा था। मगर नवनियुक्त हमारे समधी ने गाड़ी तो दी लेकिन पेट्रोलपंप की जगह दस क्विंटल प्याज दे डाली। समधी ने प्याज दी, लोगों ने बधाई। बधाई व प्याज से भरे टोकरे देख हमारा सिर चकराया। उल्लू की माफिक हमने समधी की तरफ सिर घुमाया। नाक-भौं सिकोड़ी और बोले, 'समधी उल्लू न बना। शुभ कार्य में प्याज का तड़का न लगा।'विकिट पर ही हमें लपक समधी बोला- चौधरी! सड़ी प्याज सा मुंह न बना। हमारा अहसान मान, ऊपर वाले का शुक्र मना। ईश्वर ने हमारी ंबुद्धि फेर दी, चुनाव के मौसम में तुझे प्याज दे दी! चुनाव के मौसम में प्याज के भाव आसमान पर चढ़ जाते हैं। नेताओं के नखरे ढीले पड़ जाते हैं।समधी की बात पर हमने त्यौरी चढ़ाई। फिर बात इस तरह बढ़ाई। प्याज के भाव में लड़का नहीं बिकेगा। लड़की के साथ पेट्रोलपंप देना ही पड़ेगा।हमारी बात सुन समधी गुर्राया, हमें आसमान से जमीन पर लाया। समधी बोला- चौधरी! संविधान होता तो जोड़-तोड़ कर संशोधन करवा डालता। क्या करूं! जोड़ियां बनना विधि का विधान है, इसलिए मजबूरी है। मेरी छोरी की किस्मत खोटी है। अरे! तेरी व तेरे छोरे की किस्मत खुल गई। सडे़ आलू से तेरे लड़के की प्याज सी महकती मेरी छोरी के साथ जोड़ी बल गई। अब तू प्याज वाला कह लाएगा। बिरादरी में तेरा नाम हो जाएगा। किस्मत ने साथ दिया तो अब राजनीति में भी चमक जाएगा। राजनीति में प्याज की अहमियत समझ, चौधरी! प्याज को अंडर अस्टिमेट न कर। प्याज जब से राजनीति में आई है, सालिड हो गई है। एक्सट्रा आर्डीनरी हो गई है। दो-दो सरकारों को पानी पिला चुकी है। प्रमुख दोनों दलों को मिटं्टी सुंघा चुकी है। चौधरी! तू, बे बात बावला न बन प्रधानमंत्री के भाषण का मनन कर। आजादी की 56वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री का उच्चारित भाषण याद कर। प्रधानमंत्री ने लालकिले की छत से प्याज नीति का बखान किया था। विदेश नीति, अर्थनीति के बराबर ही प्याज नीति को सम्मान दिया था। इस देश की सरकारों ने जमीर और प्याज दो ही के दो दाम कंट्रोल किये हैं। जिस के राज में इन दोनों कॉमडीटी के दाम बढ़े हैं। वे ही सत्ता की लड़ाई में धराशाई हुए हैं। चौधरी, सुन! प्याज जब से राजनीति में आई है। नेताओं ने प्याज सीने से लगा लिया है, जेब में सजा लिया है। नेताओं के ड्राइंगरूम अब फूलों से नहीं प्याज से सजने लगे हैं। प्याज के परफ्यूम से कपड़े महकने लगे हैं।समधी ने बात आगे बड़ाई- प्याज नेताओं में समाजवाद का प्रतीक चिन्ह है। मेरा बस चले तो प्याज को राष्ट्रीय फल घोषित कर दूं। राष्ट्र चिह्नं में उसे स्थान दे दूं। चौधरी! नेता हूं, पेट्रोलपंप देना मेरे लिए बड़ी बात नहीं, दे सकता था। मगर तू शर्ते पूरी नहीं करता, क्योंकि नेता नहीं, तू मतदाता है। नेता बेचारे के लिए केवल पेट्रोलपंप ही आरक्षित है। मगर मतदाताओं के लिए प्याज और जूते दोनों आरक्षित हैं। चौधरी! मैं नेता हूं। तू नेताओं की पीड़ा समझ। पेट्रोलपंप नहीं प्याज की अहमियत समझ।------