Monday, January 28, 2008

राष्ट्रभाषा हिन्दी का अपमान

रात स्टार प्लस टीवी चैनल पर एक अवार्ड फंक्शन के दौरान हिन्दी भाषा की खुल कर खिल्ली उड़ाई जा रही थी और हिन्दी फिल्म जगत की जानीमानी हस्तियों के साथ कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ल, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख हिन्दी के अपमान पर मुस्करा रहे थे।
स्टार प्लस पर 'नोकिया 14 एन्युअल स्टार स्क्रीन अवार्ड' वितरण समारोह की झलकियां दिखलाई जा रही थी। मंच संचालन एक महिला के साथ साजिद खान कर रहे थे। समारोह के प्रारंभ में साजिद खान ने स्वयं को परिमल त्रिपाठी के रूप में प्रस्तुत किया और मंच-संचालन राष्ट्रभाषा हिन्दी में करने की घोषणा की। घोषणा के साथ ही समारोह में उपस्थित लोगों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ने लगी। इसी के साथ शुरू हो गया हिन्दी के उपहास का क्रम। साजिद खान अंग्रेजी का हिन्दी में भ्रष्ट अनुवाद कर करके लोगों को हंसाने लगे। इस भ्रष्ट अनुवाद के तहत गीतकार के स्थान पर पद-लेखक, डायलॉग के लिए वार्तालाप और डिस्ट्रिब्यूशन का अनुवाद विभाजन के रूप में कर मनोरंजन किया जाता रहा। यह क्रम काफी देर तक चलता रहा।
खेदपूर्ण और शर्मनाक बात यह है कि उस समारोह में जिनके बीच हिन्दी का अपमान किया जा रहा था, वे सभी हिन्दी के बल पर ही स्टार बने हैं और हिन्दी ही की कमाई से अरबपति बने हुए हैं। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला और भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा जिनकी मातृभाषा शायद हिन्दी ही होगी! वे भी साजिद की चुटकियों पर हंसते रहे। जबकि यह उन दोनों के लिए यह निहायत ही अपमानजनक वाकया होना चाहिए था। श्री सिन्हा तो उस भाजपा के नेता है, जो हिन्दी, हिन्दु, हिन्दुस्तान पर गर्व करने का दावा करती है।
यह राजभाषा हिन्दी अथवा हिन्दी भाषा-भाषी इस राष्ट्र के करोड़ों लोगों का ही अपमान नहीं है, अपितु समूचे राष्ट्र का अपमान है। सरकार से मेरा आग्रह है कि जिस प्रकार राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज के अपमान के लिए दण्डित करने का प्रावधान है, उसी प्रकार राजभाषा हिन्दी का अपमान करने वालों के खिलाफ भी कानून बनाया जाना चाहिए। वोट बैंक लालच में यदि सरकार ऐसा करने में असमर्थ है, तो फिर हिन्दी से राजभाषा का कथित सम्मान भी वापस ले ले। हिन्दी अपने बल पर अपना सम्मान सुरक्षित कर लेगी।