वक्त ने धोका किया अहसास से,
क्यों सजाई आरती विश्वास से।
इस चमन के फूल सब मुरझा गए,
फिर हुआ धोका यहाँ मधुमास से।
आरजूएं कर रही हैं, खुदकुशी,
क्यों सबक लेती नहीं इतिहास से।
बन गया उनसे मिलन अभिशाप-सा,
वो मिले जब भी मिले परिहास से।
तू बता 'अंबर' इरादे क्यों फना,
दिललगी किसने करी अऩ्फास से।
बहुत खूब..
ReplyDeleteधन्यवाद,जनाब
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