आलाप
राजेंद्र त्यागी का रचना संसार
Tuesday, April 2, 2013
अहसास
अपरिचित एक
अनजाना- सा!
मौन मिलन के भाव-सा!
मन में उठती टीस-सा
वह आया, किन्तु...!
जाने कब चला गया!
भाव शून्य-सा,
नि:शब्द खड़ा,
मैं उस पथ पर !
फिर आएगा, भाव वेग-सा
प्रेम पथ,आलोकित करता!
वह...!
अपरिचित, एक
अनजाना-सा...!
***
2 comments:
प्रवीण पाण्डेय
April 3, 2013 at 11:22 AM
वहुत सुन्दर..
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Unknown
April 6, 2013 at 3:58 PM
धन्यवाद, सर जी
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वहुत सुन्दर..
ReplyDeleteधन्यवाद, सर जी
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